अडाणी ग्रुप की कई कंपनियों शेयर के दाम अपने 52 हफ्ते के हाई से आधे रेट तक गिर चुके हैं। बस एक खबर अडाणी के शेयरों में गिरावट की बड़ी वजह बनी। अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाव देते हुए अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों का जवाब जारी किया है। इसमें उन्होंने इसे भारत और उसने संस्थानों की छवि खराब करने वाला रिपोर्ट बताया है।अडानी ग्रुप ने अपने जवाब में इसकी तुलना एक सुनियोजित हमले से की है, जो भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की कहानी परएक तरह का हमला है।
उन्होंने कहा है कि आरोप “झूठ के अलावा कुछ नहीं” हैं। वहीं, इसके बाद हिंडनबर्ग ने भी अपना बयान जारी किया है।413 पन्नों के अपने जवाब में अडानी ग्रुप ने कहा कि यह रिपोर्ट झूठा का बाजार बनाने के लिए एक छिपे हुए मकसद से प्रेरित थी, ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि यह केवल किसी खास कंपनी पर हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता और भारत की विकास की कहानी और महत्वाकांक्षा पर एक सुनियोजित हमला है।
हिंडनबर्ग के रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप को केवल दो ट्रेडिंग सत्रों में बाजार मूल्य में 50 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का नुकसान हुआ है और गौतम अडानी को अकेले 20 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है।अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी इसपर पलटवार किया है। हिंडनबर्ग ने कहा है कि धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद या इस तरह की प्रतिक्रिया से नहीं रोका जा सकता है। उसका मानना है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और एक उभरती हुई महाशक्ति है। यह अडानी समूह था जो इसे व्यवस्थित तरीके से रोक रहा है ।