राहुल गांधी ने कहा कि, “सुरक्षाकर्मियों ने मुझसे कश्मीर वाहन से जाने को कहा था न कि पैदल जाने को. जम्मू कश्मीर में प्रशासन ने कहा कि अगर आप पैदल चलेंगे तो आप पर ग्रेनेड फेंका जाएगा तो मैंने सोचा कि जो लोग मुझसे नफरत करते हैं, क्यों न उन्हें मेरी सफेद टी-शर्ट का रंग बदलकर लाल करने का मौका दिया जाए. मेरे परिवार और गांधी जी ने मुझे निर्भय होकर जीना सिखाया, लेकिन जैसा मैंने सोचा था वैसा ही हुआ, जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मुझे ग्रेनेड नहीं बल्कि सिर्फ प्यार दिया.”
उन्होंने उन पलों को याद किया जब उन्हें फोन पर उनकी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की हत्या की सूचना मिली थी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि, “हिंसा भड़काने वाले कभी भी उस दर्द को नहीं समझ पाएंगे.” उन्होंने कहा कि, “जो लोग हिंसा भड़काते हैं- जैसे मोदीजी, अमित शाहजी, बीजेपी और आरएसएस- वे इस दर्द को कभी नहीं समझेंगे. सेना के किसी जवान का परिवार यह समझेगा, पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों का परिवार यह समझेगा, कश्मीर के लोग समझेंगे कि वह दर्द क्या होता है.”