आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने एलान किया है कि राज्य की अगली राजधानी विशाखापत्तम होगी। दरअसल, 2014 में तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग किए जाते वक्त हैदराबाद को 10 साल के लिए दोनों राज्यों की साझा राजाधानी घोषित किया गया था।23 अप्रैल, 2015 को आंध्र सरकार ने अमरावती को अपनी राजधानी घोषित किया था. फिर 2020 में, राज्य ने तीन राजधानी शहर बनाने की योजना बनाई. जिनमें अमरावती, विशाखापत्तनम और कुरनूल शामिल थे.इसके बाद में उस योजना को वापस ले लिया गया और अमरावती राजधानी बनी रही. अमरावती एक कथित भूमि घोटाले का केंद्र रहा है, जिसके लिए रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने पूर्व मुख्यमंत्री, टीडीपी के एन चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया था. रेड्डी की पार्टी ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने, जिन्हें नई राजधानी के स्थान के बारे में पहले से बताया गया था. उन्होंने वहां अनुचित लाभ उठाने के लिए जमीन खरीदी थी. केंद्र को दिए एक जानकारी में राज्य सरकार ने कहा कि 2014 में ऐसे लोगों द्वारा 4,000 एकड़ से अधिक जमीन खरीदी गई थी.














