मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. मोदी सरकार ने 2023 के बजट के जरिए 2024 के चुनावी समीकरण को साधने का बड़ा दांव चला है, जिसके मद्दनेजर किसान, महिला, बुजुर्ग, आदिवासी और युवाओं पर खास फोकस किया है.
आयकर सीमा में छूट बढ़ाने का प्रस्ताव न केवल प्रदेश के बड़े कर्मचारी और कारोबारी वर्ग को राहत देने वाला है बल्कि भाजपा को इसका सीधा फायदा होगा। इसी तरह गरीबों को जनवरी 2024 तक मुफ्त अनाज योजना का भी सबसे ज्यादा फायदा प्रदेश के लोगों को मिलेगा। प्रदेश की 15 करोड़ आबादी इससे प्रभावित होगी। भाजपा ही नहीं उसके विरोधी भी मानते हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव में यह योजना गेमचेंजर साबित हो चुकी है।
बजट के जरिये महिलाओं तथा बुजुर्गों का भी ध्यान रखने की कोशिश की गई हैै। बजट में वरिष्ठ नागरिकों की बचत सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख करने, गैर सरकारी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अवकाश नगदीकरण पर मिलने वाली छूट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख करने की घोषणाएं यूपी में भाजपा सरकार के प्रति सकारात्मक माहौल में और वृद्धि करने की उम्मीद बढ़ाती दिख रही हैं। महिलाओं के लिए वित्त मंत्री की महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट की घोषणा सियासी लिहाज से काफी महत्वाकांक्षी साबित हो सकती है।
वित्त मंत्री ने योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) का जिस तरह देश भर में विस्तार करने की घोषणा की है। साथ ही यूपी में शुरू हो चुके मोटे अनाज की खेती के प्रोत्साहन अभियान को केंद्रीय बजट में शामिल कर उसे देश भर में लागू किया है। इससे भी यूपी के समर्थ और समृद्ध होने के संदेश के साथ इससे सियासी सरोकार भी सधते दिख रहे हैं। ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने जहां यूपी के लोगों को केंद्र में फिर भाजपा की सरकार का महत्व समझाने की कोशिश की है,