लखनऊ पुलिस ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके अलावा पुलिस ने मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेज दिया था। इसी बीच अब रामचरितमानस विवाद पर एफआईआर दर्ज होने के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की हेकड़ी निकलते हुए दिखाई दे रही है। अब इस विवाद के तूल पकड़ने के बाद उनकी सुर बदलते हुए दिखाई दे रहे है।
कानपुर में मीडिया से बात करते हुए स्वामी प्रसाद ने इस पूरे मामले पर रिएक्शन दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि, मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। रामचरितमानस से भी हमारा कोई मतलब नहीं है। कुछ चौपाई के वो अंश जिसे इस देश के शूद्र समाज में आने वाली जातियों को ‘जातिसूचक’ शब्दों का प्रयोग किया गया। शूद्र, महिलाओं को मारने पीटने प्रताड़ित किए जाने का पात्र बताया गया। शूद्र कितना भी विद्धान, पढ़ा लिखा और कितना बड़ा ज्ञाता क्यों न हो। उसका सम्मान नहीं करना चाहिए। ये कहा का न्याय है।














