बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज खरगे के घर इकट्ठा हुए। मीटिंग की। वहां राहुल गांधी समेत खरगे, तेजस्वी, लालू और अन्य कई बहुत ही बड़े-बड़े नेता पहुंचे हुए थे।
काफी लंबी बातचीत चली।
मीटिंग से निकलने के बाद नीतीश कुमार बोले हमारा अभियान बड़ा है। बहुत से लोग साथ आएंगे। हम बहुत से पार्टियों को एकजुट करेंगे। और विपक्षी एकता की बात हुई।
राहुल गांधी भी मीटिंग से निकलकर मीटिंग को ऐतिहासिक करार दे दिया। उन्होंने खुशी से ट्वीट भी किया।
लेकिन ये किसी ने नहीं बताया कि विपक्ष को लीड कौन करेगा। सभी नेता तो बड़े ही है विपक्ष में। सभी तो लीड कर नहीं सकते। समस्या यह है कि अब इन बड़ो में सबसे बड़ा खोजना होगा जो कि एकजुट विपक्ष का लीडर बने। इसके बाद जो लीडर बनेगा संभवतः वही एकजुट विपक्ष में चुनाव के बाद प्रधानमंत्री का दावेदार होगा।
वैसे तो मिशन PM की शुरुआत नीतीश बाबू ने कर दी है। कुछ दिनों पहले ममता की TMC राष्ट्रीय पार्टी नहीं रही तो ममता का कद बौना हो चुका है। राहुल गांधी चुनाव लड़ सकेंगे कि नहीं इस पर अभी प्रश्नचिन्ह बना हुआ है।
कुल मिलाकर नीतीश की चांदी ही चांदी है। इधर जब नीतीश मिशन PM पर है तो उधर तेजस्वी का मिशन CM अपनेआप पूरा हो जाएगा।
लेकिन गांधी परिवार में एक है जिसे सब हल्के में ले रहे है। हालाकिं वो आज मीटिंग में शामिल नहीं हो सकीं। वो है प्रियंका गांधी वाड्रा। राहुल गांधी के रिप्लेसमेंट के रूप में प्रियंका को देखा जा सकता है। कांग्रेस के हाव भाव भी कुछ वैसे ही दिख रहे हैं।
अगर एकजुट विपक्ष PM का चेहरा प्रियंका को बनाये तो नीतीश कुमार तो तुरंत पलटी मार सकते हैं। इनका कोई भरोसा नहीं हैं न। ये तो निकले ही है PM बनने। नहीं बन सके तो किसी बनने भी नहीं देंगे। भले फिरसे भाजपा की सरकार ही क्यों न बन जाये। PM न सही फिरसे CM ही बन जाएंगे।
हमारे बातचीत में अरविंद केजरीवाल तो छूट ही गए। अभी अभी तो इनको राष्ट्रीय पार्टी का तमगा मिला है। ये खुदको भी एक पढ़े लिखे और ईमानदार PM का चेहरा मानते है। लेकिन एकजुट विपक्ष और नीतीश तैयार हो जाये तब तो।
खैर चुनाव अभी दूर है। सियासी दाव पेच जारी रहेंगे। देखते है क्या होता है।
लेखक: SS Bharti