केंद्रीय आम बजट को आम तौर पर आसान भाषा में समझना हर कोई चाहता है। लोग जानना चाहते हैं कि किन राज्यों को क्या फायदा हो रहा है.झारखंड के सीएम मनरेगा योजना की बजट राशि में कटौती पर आपत्ति जताते हैं, लेकिन ऐसा कहते समय वे भूल जाते हैं कि राज्य में मनरेगा की सोशल ऑडिट रिपोर्ट उन्हें मुंह चिढ़ाती है। 2020-21 के सोशल आडिट की रिपोर्ट बताती है कि मनरेगा में जितने मजदूरों को काम मिला दिखाया गया है, उनमें महज 25 प्रतिशत ही वास्तविक मजदूर थे। यानी 75 प्रतिशत मजदूरों के नाम फर्जी थे। यह मनरेगा में लूट की कहानी बयां करती है। साहिबगंज में बिना काम कराये 22.48 लाख रुपये की हेराफेरी पकड़ी गयी है। पलामू में भी बिना काम कराये 23.53 लाख की निकासी की गड़बड़ी मिली है।झारखंड की बड़ी आबादी आर्ट एंड क्राफ्ट के काम में लगी हुई है। इसे उचित बाजार नहीं मिल पाता, इसलिए न कोई कमाई कर पाता है और न इसको विस्तृत बाजार ही मिल पाता। बजट में हर राज्य में एक यूनिटी माल खोलने का प्रावधान किया गया है। जाहिर है कि झारखंड में भी इसकी संभावना बनेगी। जिलों में तैयार होने वाले आर्ट एंड क्राफ्ट के सामान यहां उपलब्ध होंगे। इसके लिए बाजार का काम करेंगे माल। यानी राज्य में इससे आर्ट एंड क्राफ्ट को बढ़ावा मिलेगा, जो स्वरोजगार की दिशा में बड़ा कदम सिद्ध हो सकता है।वित्त मंत्री ने पीएम आवास योजना के लिए बजटीय प्रावधान 66% बढ़ा कर 79 हजार करोड़ रुपये कर दिया है। हेमंत सोरेन दो दिन पहले ही इसके लिए परेशान दिखे। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि पीएम आवास योजना के लिए पैसे नहीं मिलते। जाहिर है कि बजटीय प्रवाधान 66 प्रतिशत बढ़ने का लाभ झारखंड को भी मिलने में अब कोई परेशानी नहीं होगी। आवास के लिए सरकारी कर्मचारियों को 7.5 प्रतिशत ब्याज पर अब 30 लाख रुपये का कर्ज मिलेगा।सीएम नीतीश कुमार को इस बात की तकलीफ है कि बिहार को इस बार भी विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, लेकिन बजटीय प्रावधानों का लाभ तो बिहार को भी मिलेगा ही। इनकम टैक्स के नये स्लैब, पीएम आवास, महिलाओं और सीनियर सिटीजन की बचत पर अधिक कमाई के लाभ से बिहार वंचित तो नहीं रह पाएगा। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी कहते हैं कि बजट का सर्वाधिक लाभ बिहार जैसे राज्यों को मिलेगा। केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में बिहार को 1.07 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पिछले साल के मुकाबले 25101 करोड़ रुपये अधिक होंगे। एक्सपर्ट मानते हैं कि भले ही बजट में बिहार-झारखंड का कहीं कोई जिक्र नहीं दिखता, लेकिन राज्यों के लिए जो प्रवाधान किये गये हैं, उसका लाभ तो जरूर मिलेगा। राज्यों को 50 साल के लिए ब्याज मुक्त लोन मिलेगा। यह बिहार के लिए भी होगा। अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड बनाया जाएगा, जिसमें राज्यों के लिए 10 हजार करोड़ का प्रस्ताव है। इसमें बिहार का भी शेयर तो होगा ही। राज्यों में यूनिटी माल बनाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करने की बात है। राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंचरनेशनल सेंटर्स खुलने हैं। इसका लाभ भी तो बिहार लेगा ही। ऐसे कई प्रवाधान हैं, जो समेकित रूप से राज्यों के लिए हैं और बिहार भी उनमें शामिल है। इसलिए किसी का यह सोचना कि बिहार के लिए कुछ नहीं है, उचित नहीं।