विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि जिस तरह पांडव अपने रिश्तेदारों को नहीं चुन सकते थे, उसी तरह भारत अपने भौगोलिक पड़ोसियों को नहीं चुन सकता. ईएएम एस जयशंकर ने कहा, “यह हमारे लिए एक सच्चाई है. जैसे पांडव अपने रिश्तेदारों का चयन नहीं कर सके, हम भी अपने पड़ोसियों का चयन नहीं कर सकते. स्वाभाविक रूप से, हम आशा करते हैं कि अच्छी भावना बनी रहे.” पड़ोसी और दुष्ट राष्ट्र (पाकिस्तान), जो परमाणु शक्ति होती है, संपत्ति या बोझ होगी इस संबंध में पूछे गए सवाल पर मंत्री ने उक्त जवाब दिया. बता दें कि जयशंकर अपनी अंग्रेजी पुस्तक “द इंडिया वे: स्ट्रैटेजीज़ फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड” के विमोचन के लिए पुणे में थे, जिसका मराठी में ‘भारत मार्ग’ के रूप में अनुवाद किया गया है.