पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा हमेशा से विवादों में रही है। पाकिस्तान ही वह देश है, जिसने लीबिया, ईरान और उत्तर कोरिया को परमाणु हथियारों की टेक्नोलॉजी गलत तरीके से दी है। ऐसे में सवाल है कि अगर पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात होते हैं तो उसके परमाणु बम का क्या होगा?
पाकिस्तान इस समय पैसे की कमी से जूझ रहा है। कई रिपोर्ट ने यह भी कह दिया है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो पाकिस्तान मई तक डिफॉल्ट कर जाएगा। पैसे की कमी से पाकिस्तान गृह युद्ध की ओर भी बढ़ सकता है। पाकिस्तान जैसे देश में इस बात की संभावना है कि यहां अचानक से कोई धार्मिक कट्टरपंथी ग्रुप उठे और सत्ता में आ जाए। एक परमाणु संपन्न देश में अस्थिरता दुनिया के लिए खतरा हो सकता है। पाकिस्तान में ऐसा हो सकता है, इस संभावना को अमेरिका ने बहुत पहले भांप लिया था। इस स्थिति से निपटने के लिए उसने बहुत पहले तैयारी कर ली थी।
अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए एक इमरजेंसी प्लान बना रखा है। इस प्लान का नाम है ‘स्नैच एंड ग्रैब’, यानी हथियारों को छीन कर उन्हें अपने कब्जे में ले लो। 9/11 के आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान अमेरिका की नजरों में चढ़ा हुआ है। क्योंकि पाकिस्तान इकलौता इस्लामिक देश है, जिसके पास न्यूक्लियर हथियार हैं। अगर यह गलत हाथों में चले गए तो पूरी दुनिया के लिए खतरा होंगे। 2007 में छपी गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियार सुरक्षित रहें, इसके लिए अमेरिका ने 2001 से 2007 तक 10 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं।