राजधानी रांची के धुर्वा स्थित ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव उच्च विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों का उद्घाटन किया।
अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने माना कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यह स्वीकार करता हूं कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों कमी है जिसकी वजह से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बीते वर्षो में सरकारों में इच्छाशक्ति की कमी, तकनीकी और कानूनी बाधाओं की वजह से शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हो पाई लेकिन हमारी सरकार इस दिशा में काफी गंभीर है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अलग-अलग चरणों में कुछ ही महीनों में सरकारी स्कूलों में 25,000 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
उन्होंने कहा कि, हमने तकनीकी और कानूनी बाधाओं को दूर कर लिया है और जल्द ही अलग-अलग चरणों में हजारों की संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी तो प्राथमिक से माध्यमिक तक अलग-अलग स्तरों पर बच्चों को पढ़ाएंगे।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम शिक्षकों को निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के मुकाबले ज्यादा वेतन देते हैं। जो निजी और सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता पर अंतर पैदा करता है वह है प्रबंधन। सीएम ने कहा कि निजी स्कूलों को प्रबंधन अच्छा है।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत जगरनाथ महतो को याद करते हुए कहा कि, दिवंगत जगरनाथ दा की इच्छा थी कि झारखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों को इंग्लिश माध्यम से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्कूलों में पढ़ने का मौका मिले। हम उनका सपना पूरा करेंगे।